24/01/2019

Inspirational quotes in hindi


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लोग मुझमें कमियां निकालते रहे,
मैं ख़ुद व ख़ुद निखर गया।
Bhupendra Patharia

19/01/2019

Political satire

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अभी भी वक़्त है वक़्त बर्बाद न कर,
खींच ले कमान तीर और वार कर।
सियासत का तवा गर्म है अभी,
तू भी सेंक लें रोटियां इंतज़ार न कर।
Bhupendra Patharia

18/01/2019

Inspirational quotes in hindi

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किसी के गुणों का इतना भी गुणगान 
मत करो कि उसमें चीटियां लग जाएं।
Bhupendra Patharia

17/01/2019

Life shayari in hindi

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हारा तो मैं ख़ुद ही हूं ज़माने से,
ज़िंदगी में रुलाने वाले भी अपने थे, 
और चुपाने वाले भी अपने थे।
Bhupendra Patharia

12/01/2019

Zindgi shayari

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ज़माने में कुछ लोग इस क़दर शातिर निकले, 
वोह मेरा ही घर फूंक कर मेरी खैरियत पूछने निकले।
Bhupendra Patharia

03/01/2019

Hindi Kavita - Ramraj

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हिंदी कविता - रामराज

है देश में अब रामराज,
फिर हाहाकार क्यों है।

हो रहा चारों ओर विकास,
फिर सब ज्यों का त्यों क्यों है।

सफाई अभियान चल रहा जोरों पर,
जगह-जगह फिर कचरे का घर क्यों है।

आसमान छू रहे तेल के दाम,
फिर किसान का माल सस्ता क्यों है।

हर माल बिकेगा जीएसटी पर,
तेल में फिर फेल जीएसटी क्यों है।

बड़के उद्योगपति तो बढ़ रहे,
फिर छुटकों का धंधा गोल क्यों है।

मिट गया अगर सब भ्रष्टाचार,
ये राफेल का फिर खेल क्यों है।

नित नए हो रहे सृजित रोज़गार,
फिर देश का युवा बेरोज़गार क्यों है।

भूपेंद्र पथरिया