मेरा भारत बदल रहा है।
कोई टोंटी खोल रहा है,
तो कोई लंगोटी खोल रहा है।
अंधे भी देख रहे हैं,
आजकल गूंगे भी बोल रहे हैं।
अनपढ़ ज्ञान बांट रहे हैं,
पढ़े लिखे भजिया तल रहे हैं।
राजनीति से ग्रेजुएट,
इतिहास पढ़ा रहे हैं।
झूठ के बलबूते ही,
अपनी दुकान चला रहे हैं।
जय हिंद!
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