09/11/2016

Hindi Kavita - Akhir tazuba hi kaam aaya.......


आखिर तजुर्बा ही काम आया l
कि देश कैसे चलाते हैँ l
यह एक चाय वाले ने सिखाया l
यूं तो लाखों हैं मैदान-ए-जंग में l
पर हर शख्स आज चारो चित नजर आया l 
शायद यही है अच्छे दिनों का आगाज l 
क्योंकि बाग में हर फूल आज खिला नजर आया l

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