सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब,
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है,
और "किस्मत" महलों में राज करती है।
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने दिया है,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी,
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया,
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा।